आप सोच रहे होंगे कि पानी तो प्राकृतिक संसाधन है और ये कभी खराब नहीं होता, तो फिर पानी की बोतल पर आखिर एक्सपायरी डेट क्यों लिखी होती है? क्या सिर्फ़ बोतल वाला पानी एक समय के बाद खराब हो जाता है या फिर इसकी वजह कुछ और है?
क्यों लिखी होती है एक्सपायरी डेट?
बोतल वाले पानी पर एक्सपायरी डेट ज़रूर लिखी होती है, लेकिन ये पानी के लिए नहीं, बल्कि बोतल के लिए होती है, क्योंकि सामान्यतया पानी खराब नहीं होता है। हालांकि, जिस बोतल में पानी रखा है, वो ज़रूर खऱाब हो सकता है और जब बोलत खराब होगा, तो उसमें रखा पानी भी दूषित होगा। बोतल की पैकिंग में खराबी हो सकती है। सही तापमान न मिल पाने और लंबे समय तक गाड़ी रखे रहने पर भी बोतल खराब हो सकते हैं। इन सभी स्थितियों के कारण ही पानी की बोतलों पर एक्सपायरी डेट लिखी जाती है।
सही तरीके से स्टोर न करने पर खराब हो सकता है पानी
कुछ दिन पानी को एक ग्लास में बाहर छोडने पर उसका स्वाद बदल जाता है। इसका कारण यह है कि जब पानी अन्य तत्वों के संपर्क में आता है तो इसका पीएच बैलेंस बदल जाता है और यह अधिक एसिडिक हो जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि पानी असुरक्षित है। दरअसल, पानी में एसिडिटी में मामूली सी वृद्धि केवल शैलफिश के लिए हानिकारक है।
पानी अपनी गुणवत्ता को बनाये रखता है, इसलिए इसे शुद्ध माना जाता है। पानी की बोतल को कीटनाशकों और गैसोलीन के पास नहीं रखा जाना चाहिए। इससे पैकिंग खराब हो सकती है। इसलिए पानी की बोतल पर एक्सपायरी डेट लिखी होती है।
साथ ही बोतलबंद पानी को सूरज की रोशनी से दूर रखा जाना चाहिए। गर्मी के संपर्क में सीधा आने के कारण प्लास्टिक की बोतल से हानिकारक केमिकल निकलते हैं जो पानी को खराब कर सकते हैं और इस तरह के पानी से कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बना रहता है।
कंपनियां अपने पानी की बोतलों पर एक्सपायरी डेट लिख देती हैं ताकि यदि कोई व्यक्ति उसे नियत तिथि के बाद पानी पीकर बीमार होता है या उसे कोई अन्य समस्या होती है, तो कंपनी इसके लिए ज़िम्मेदार नहीं होगी।
मूल स्त्रोतः Yahoo & Live Science