लेटलतीफी की बात आम ही है, कौन है जो कभी कहीं लेट न पहुंचा हो। आखिर इंसान चाहे-अनचाहे लेट हो ही जाता है। जब सब कुछ समय पर हो तो ट्रैफिक लेट कर देता है। लेट होने के वही घिसे-पिटे बहाने देखने को मिलते हैं, लेकिन इस कर्मचारी ने ऐसे बहाने बनाए हैं कि कोई भी चकरा जाए। कमजोर दिल वाले वाकई इसे जानकर रो पड़ेंगे।
चित्रकूट के एक सरकारी कर्मचारी ने देर से कार्यालय पहुंचने पर ऐसा बहाना बनाया कि सुर्खियों में आ गया है।
डिप्टी कमिश्नर वाणिज्य कर कार्यालय के कर्मचारी अशोक कुमार से ऑफिस आने में हुई देर होने के कारण सफाई मांगी गई थी। आशु लिपिक के पद पर कार्यरत अशोक विगत 18 अगस्त को कार्यालय में देर से पहुंचे तो डिप्टी कमिश्नर साहब एम एस वर्मा ने स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने शाम तक जवाब देने की समय-सीमा भी तय कर दी।
स्पष्टीकरण पत्र में अशोक से पूछा गया कि वे कार्यालय के निर्धारित समय 10.15 बजे तक उपस्थित क्यों नहीं हुए। बिना किसी अवकाश पत्र के देर से पहुंचने पर क्यों न उनके खिलाफ कार्रवाई हो। अशोक से जवाब 18 की शाम तक ही देने के लिए बोला गया। अब जब समय कम ही था तो बेचारे की क्रिएटिविटी जाग गई। लेटर का जवाब देते हुए वह जरा इमोशनल हो गया।
कर्मचारी अशोक कुमार ने लिखाः
“साहब पत्नी बीमार रहती है सो खाना मुझे ही बनाना पड़ता है, उसका बदन दर्द करता है तो हाथ पैर मुझे ही दबाने पड़ते हैं। जब रोटियां जल जाती है तो भी वो गुस्सा करती है। इतना ही नहीं, ऑफिस तक आने वाली सड़क भी खराब है।”
अशोक कुमार ने अपनी व्यथा बताया कि आज कल वो दलिया बनाकर खा रहा है।
उसने अपने अधिकारी को आश्वस्त भी किया कि सुबह वह पत्नी की सेवा जल्दी से निपटाकर कार्यालय के लिए निकल जाया करेगा। अब आप ही बताइए कि बेचारे की परेशानी से जवाब मांगने वाले अधिकारी का दिल मोम की तरह पिघल गया होगा, है न!