देश की पहली सेमी-बुलेट ट्रेन कहे जाने वाले तेजस एक्सप्रेस के शुरू होने से पहले ही इस पर पत्थरबाजी किए जाने की घटना सामने आई थी। इस पर बड़ी संख्या में भारतीयों ने निराशा जताई थी। यह कहा जा रहा था कि तेजस पर पत्थरबाजी साबित करता है कि हम भारतीय अच्छी चीजों के लायक नहीं हैं !
आखिरकार यह ट्रेन अपने पहले सफर पर मुंबई से गोवा रवाना हुई। हालांकि, अब जो घटना हुई है वह हमें शर्मशार करने के लिए काफी है। दरअसल, तेजस एक्सप्रेस के पहले सफर में कई यात्री न केवल हेडफोन लेकर चलते बने, बल्कि उन्होंने एलईडी स्क्रीन्स को भी नुकसान पहुंचाया।
रेल अधिकारियों को कम से कम एक दर्जन हेडफोन नहीं मिले। ये हेडफोन यात्रियों को सफर के शुरू में दिए गए थे। कुछ यात्री इसे अपने साथ लेकर निकल गए। साथ ही बहुत सारी एलईडी स्क्रीन्स पर स्क्रैच नजर आए हैं।
तेजस एक्सप्रेस को ‘पटरियों पर प्लेन’ की संज्ञा दी गई है। यह ट्रेन वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सीट्स से लगी एलईडी स्क्रीन्स, वाईफाई, सीसीटीवी कैमरे, चाय और कॉफी की मशीनें आदि सुविधाएं हैं। 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम यह ट्रेन मुंबई से गोवा के बीच की 552 किमी की दूरी 9 घंटे में पूरी करती है। इस ट्रेन में 992 सीटें हैं। इसका सबसे सस्ता किराया 1185 रुपए है।वहीं, सबसे महंगा टिकट 2740 रुपए का है।
इससे पहले तेजस पर पत्थरबाजी को लेकर चर्चा हो रही थी।
हालांकि, इस ट्रेन पर हमले की घटना के संज्ञान में आने के बाद लोग आश्चर्यचकित नहीं हैंं। भारत में ट्रेनों में तोड़फोड़, गंदगी फैलाना, बाथरूम के टैप चोरी कर लेने जैसी घटनाएं आम हैं।
पिछले साल भारतीय रेल ने देश की सबसे आधुनिक ट्रेन महामना एक्सप्रेस शुरू करने की घोषणा की थी। प्रख्यात शिक्षाविद् और बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) के संस्थापक महामना मदन मोहन मालवीय के नाम पर चलाई जाने वाली यह ट्रेन नई दिल्ली और वाराणसी के बीच दौड़ रही है। हालांकि, इस ट्रेन की लॉन्चिंग के पहले ही दिन यात्रियों ने जो हालत की, उसे देखकर किसी को भी शर्म आ सकती है।
महामना एक्सप्रेस के शुरू होने के सिर्फ सात दिन के भीतर ही इसके टॉयलेट किट और कई वाटर टैप गायब मिले।