करियर के शीर्ष पर रहते हुए संन्यास की घोषणा करना बेहद हिम्मत का काम है। नए खिलाड़ियों तथा खेलहित को देखते हुए इस भारतीय क्रिकेटर ने खेल को अलविदा कह दिया है। उनके अनुसार जीत के साथ करियर को अलविदा कहने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। ये उनका बेहद निजी फैसला है।
33 वर्षीय तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास ले ली है।
गौरतलब है कि अरविंद ने 2015 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत की ओर से गेंदबाजी की थी। इस मैच में उन्होंने 44 रन देकर एक विकेट भी लिया था। हालांकि, बाद में वे कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) की ओर से लगातार खेलते रहे। उन्होंने राज्य के विजय हजारे ट्रॉफी एकदिवसीय टूर्नामेंट का चैम्पियन बनने के बाद संन्यास का फैसला ले लिया।
श्रीनाथ अरविंद ने कहा-
“मैं अब कोई भी घरेलू क्रिकेट नहीं खेलूंगा और इसलिए मैं संन्यास की घोषणा करता हूं। मैं अपना करियर जीत के साथ ख़त्म करना चाहता हूं और इसके लिए विजय हजारे के फाइनल में जीत से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। मैं किसी युवा प्रतिभा के रास्ते का रोड़ा नहीं बनना चाहता हूं। संन्यास लेने के लिए ये एकदम सही समय है।”
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उन्होंने राज्य का प्रतिनिधित्व करने के अवसर देने के लिए कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने टीम के प्रसिद्ध कृष्णा और टी प्रदीप जैसे युवा तेज गेंदबाजों पर भरोसा जताया। अरविंद को आर विनय कुमार और अभिमन्यु मिथुन के साथ मिलकर तिकड़ी बनाने के लिए भी याद किया जाता रहेगा।
बता दें कि उनके रहते कर्नाटक की टीम ने कई राष्ट्रीय टूर्नामेंट में जीत हासिल की, जिनमें रणजी ट्रॉफी, ईरानी कप, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली टी-20 चैम्पियनशिप शामिल हैं। ये भी कहा जा रहा है कि उन्हें आईपीएल और राष्ट्रीय टीम में जगह नहीं दी जा रही थी, लिहाजा उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का निर्णय लिया। हालांकि, अरविंद ने इस बात का खंडन किया है।