सऊदी अरब को दुनिया भर में फैले कट्टरपंथी इस्लाम की धारा वहाबी इस्लाम का प्रायोजक माना जाता है। पश्चिम के बुद्धिजीवियों का आरोप है कि दुनिया में फैले इस्लामिक आतंकवाद के मूल में सऊदी अरब है। इस पर पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। सऊदी अरब को भी लगता है कि अब अति हो रही है। यही वजह है कि सऊदी अब अपनी कट्टरपंथी इमेज से छुटकारा पाना चाहता है।
इसी क्रम में शहजादा बिन सलमान ने देश को उदार बनाने का संकल्प लिया है। शहजादा सलमान को मॉडर्न सऊदी अरब का चेहरा माना जाता है।
बिन सलमान ने रियाध में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहाः
“हम उस तरफ लौट रहे हैं जो हम पहले थे। हम एक उदार इस्लाम वाला देश बनने की और अग्रसर हैं जो कि सभी धर्मों और दुनिया के लिए खुला हो।”
शहजादा ने कहा कि वह अपनी जिंदगी के अगले 30 साल विनाशकारी विचारों के साथ निपटते हुए गुजारना नहीं चाहेंगे। वह अतिवाद को समाप्त कर देश में एक सहजता लाएंगे। देश को प्रगति की राह पर ले जाने के लिए अतिवाद और कट्टरता को जड़ से हटाना होगा।
बिन सलमान के इस बयान को सऊदी की कट्टरपंथी विचारधारा पर बड़ा हमला बताया जा रहा है। इस्लामिक रुढियों में जकड़े अरब के कट्टर मुसलमानों के बीच इस बयान को लेकर हाय-तौबा का माहौल है।
तेल की कीमतों में गिरावट की वजह से सऊदी अरब को अब तक का सबसे बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। शहजादा सलमान ने देश के लिए ‘विजन 2030’ का लक्ष्य रखा है। इसके माध्यम से तेल पर निर्भरता कम होगी। साथ ही लंबी अवधि के लिए आर्थिक और सामाजिक नीति तय की जाएगी।
शहजादा ने अपने बयान और फैसलों के माध्यम से समाज में एक उदार सुधारक के रूप में पहचान बना ली है। पिछले दिनों सऊदी अरब में महिलाओं को गाड़ी चलाने की मंजूरी की घोषणा की गई थी, जो महिलाओं के हित में बड़ा कदम बताया जा रहा है।