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भारत ने स्वदेशी ड्रोन रुस्तम-2 का सफल परीक्षण कर लिया है। इसका परीक्षण बेंगलुरू से करीब 200 किलोमीटर दूर चल्लाकेरे में बुधवार को किया गया। रुस्तम-2 को खास सैन्य मकसद हासिल करने के लिए तैयार किया गया है।

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रुस्तम-2 को डीआरडीओ की प्रयोगशाला में विकसित किया गया है। इसकी तुलना विश्व के उन बेहतरीन ड्रोन विमानों से की जा सकती है, जो बहुत अधिक क्षमता वाले हैं। मानव रहित यह ड्रोन रडार व टक्कररोधी प्रणाली से युक्त है।

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24 घंटे उड़ान भरने में सक्षम यह यूएवी दुश्मनों के इलाके में जाकर टोह लेने, निगरानी रखने, लक्ष्य की पहचान करने व उसे भेदने समेत अन्य कार्यो को आसानी के साथ करने की क्षमता रखता है।

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रुस्तम-2 का वजन करीब 1.8 टन है। इसके डैने करीब 21 मीटर लंबे हैं। इससे पहले विकसित रुस्तम-1 के डैने केवल 7 मीटर के थे और वह केवल 12 से 15 घंटे तक ही उड़ान भर सकता है।

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माना जा रहा है कि इसका उपयोग टोह, निगरानी, लक्ष्य भेदन, लक्ष्य की पहचान, नष्ट हुई क्षमता का आकलन आदि मामलों में किया जा सकेगा।

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