हर साल अलग-अलग देशों के तहत गूगल ‘इयर इन सर्च’ जारी करता है, जिसमें साल भर सर्च किए गए सबसे ज्यादा ट्रेंडिंग वर्ड्स शामिल होते हैं। गूगल ने साल 2018 खत्म होने के साथ ही पाकिस्तान में सबसे अधिक सर्च किए जाने वाले शब्दों की एक सूची जारी की है, जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान में इस साल लोगों ने सर्च इंजन में स्पोर्ट्स संबंधि शब्दों को सबसे ज्यादा तलाशा है।
ये सुनने में थोड़ा अटपटा इसलिए है क्योंकि दुनियाभर में जहां बहुत से देश दिन दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं तो वहीं पाकिस्तान हर गुजरते दिन के साथ पीछे खिसकता जा रहा है।
आर्थिक मंदी और राजनीतिक उथल- पुथल के साथ-साथ आतंकवाद की गिरफ्त में जकड़ा हुआ ये देश खेलों के मामले में भी काफी बुरे दौर से गुज़र रहा है।
साल 2010 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में 70 देशों ने भाग लिया था जिसमें 39 देश ऐसे रहे जिन्होंने कम से कम एक पदक तो अपने नाम किया ही। इस फेहरिस्त में भारत ने तीसरा स्थान हासिल किया, जबकि पाकिस्तान 24वें पायदान पर रहा। इसके अलावा साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में पाकिस्तान का नामोंनिशान नहीं रहा। पाकिस्तान ने 1962 में पर्थ में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में आठ स्वर्ण सहित कुल नौ पदक जीते थे। ये इन खेलों में उनके सर्वश्रेष्ठ पदक थे।
यदि क्रिकेट के पैमाने पर पाकिस्तान को परखा जाए तो ये बात जरूर साबित होती है कि इस देश ने क्रिकेट को हमेशा एक बेहतरीन टीम दी है। लेकिन अगर इस टीम की तुलना उसके चिर-प्रतिद्वंद्वी यानी भारत से की जाए तो यहां भी पाकिस्तान को हमेंशा मुंह की खानी पड़ी है। भले ही ओवरऑल विनिंग पर्सनटेज के मामले में पाकिस्तान का पलड़ा भारी रहा हो, लेकिन बड़े टूर्नामेंट्स में भारतीय टीम हमेंशा से पाकिस्तान पर हावी रही है।
ये दोनों टीमें अब तक एक दूसरे से वर्ल्डकप में पांच बार भिड़ चुकी हैं और पांचों बार पाकिस्तान को करारी शिकस्त मिली। भारत और पाकिस्तान वर्ल्डकप के पहले चार संस्करणों के अलावा वर्ष 2007 कें संस्करण में एक दूसरे से नहीं टकराए, लेकिन शेष पांचों संस्करणों में भारत ने पाक को पटखनी दी है। बता दें कि पहली बार 1992 में पाकिस्तान और भारत पहली बार वर्ल्ड कप के दौरान एक दूसरे से भिड़े थे।
भारत और पाकिस्तान हर मोर्चे पर एक दूसरे के चिर-प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं। भारत के परमाणु बम संपन्न देश बनने के बाद पाकिस्तान ने परमाणु बम हासिल करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। हालांकि खेल सहित कई मोर्चों पर पाकिस्तान अभी भी भारत से कहीं पीछे है।
एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान चीन से लगातार कर्च ले रहा है इसके अलावा यहां के राजनीतिक हालात भी ठीक नहीं है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तानी रुपये की वैल्यू लगातार गिरती जा रही है। ऐसे में यहां खेलों की स्थिति में सुधार कैसे होगा ये एक विचारणीय प्रश्न है।
भले ही खेलों में पाकिस्तान का कभी उम्दा प्रदर्शन न रहा हो लेकिन डबल गेम खेलने में इस देश को महारत हासिल है।