पिछले कुछ दिनों से राम रहीम को लेकर पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। भीड़ जुटा कर सरकार के सामने चुनौती पेश करने में भी राम रहीम के समर्थकों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। फिर भी कोर्ट ने उसे दोषी करार देकर 20 साल की सजा सुनाई और उसे सलाखों के पीछे भेज दिया गया।
पाकिस्तानी मीडिया में भी ये खबर हाथों हाथ ली गई कि किस तरह एक तथाकथित बाबा जिसपर आपराधिक मामले हैं, सरकार को कड़ी टक्कर दे रहा है, लेकिन जैसे ही भारतीय कोर्ट ने उसे सजा सुनाई और गिरफ्तार किया, पाक मीडिया का सुर बदल गया। भारतीय कोर्ट की प्रशंसा की जाने लगी।
पाकिस्तान के एक चैनल ने मामले में भारतीय न्याय व्यवस्था की जमकर तारीफ की है। चैनल का कहना है कि ये बहुत ही काबिले तारीफ है कि एक सेशन कोर्ट ने राम रहीम जैसे प्रभावशाली व्यक्ति को सजा दे दी और उनके समर्थक को फैसला मानने के लिए बाध्य कर दिया। उग्र भीड़ द्वारा इतनी हिंसा के बावजूद भारतीय प्रशासन ने बिना डिगे दोषी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।
एंकर का कहना था कि भारत के जगह पर पाकिस्तान होता तो राम रहीम जैसे ताकतवर लोगों को सजा दिलाना संभव नहीं था। पकिस्तान को आईना दिखाते हुए एंकर ने कहा कि पाकिस्तान में अक्सर कट्टरपंथी नेता और जमात भीड़ और समर्थक दिखाकर सजा से बचते रहते हैं। पाकिस्तान में अपराधियों द्वारा भीड़ दिखाकर कोर्ट पर दबाव बनाया जाता रहा है।
ज्ञात हो कि कोर्ट ने राम रहीम को अलग-अलग मामलों में दस-दस साल की जेल और 30 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। 2002 के मामले में लगभग 15 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। इसको लेकर डेरा समर्थकों ने भारी उत्पात मचाया और जान-माल की व्यापक क्षति पहुंचाई।
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