केंद्र सरकार दिल्ली और मुंबई के बीच एक नया एक्सप्रेस-वे बनाने को लेकर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्सप्रेस-वे के रुट के लिए सहमति बन चुकी है। इस बात की जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को दी। दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद सड़क मार्ग द्वारा इन दोनों महानगरों के बीच की दूरी 106 किलोमीटर तक कम हो जाएगी।
नितिन गडकरी का कहना है कि सरकार ने राजमार्गों को शहरों से जोड़ने की अवधारणा को बदला है। अब तक महानगरों को छोटे शहरों से जोड़ा जाता रहा है, लेकिन अब सरकार ग्रामीण इलाकों को महानगरों से जोड़ने की पहल कर रही है।
इस मार्ग के बन जाने से जहां एक ओर दोनों महानगरों के बीच आवाजाही सुगम हो जाएगी, तो वहीं राजस्थान और मध्य प्रदेश के उन अविकसित और पिछड़े इलाकों का भी विकास होगा, जहां से होते हए यह एक्सप्रेस-वे गुजरेगा।
एक्सप्रेस-वे के नक्शे को तैयार करते समय दूर दराज के पिछड़े क्षेत्रों को इससे जोड़ने पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया है।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे छह लेन का होगा। इस एक्सप्रेस-वे को राजस्थान के सवाई माधोपुर से होते हुए वडोदरा तक ले जाया जाएगा। इसके बाद वडोदरा से मुंबई हाईवे को इस मार्ग के साथ जोड़ दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता देश के अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों से बेहतर होगी।
एक्सप्रेस-वे के बन जाने के बाद सड़क मार्ग द्वारा आप दिल्ली से मुंबई का सफर महज 12 घंटो में पूरा कर सकेंगे ।