बिहार के मुजफ्फरपुर में रहस्यमय तरीके से फैली मष्तिष्क संबंधी बीमारी की वजह का पता चल गया है। इस बीमारी की वजह से वर्ष 2014 तक प्रतिवर्ष कम से कम 100 बच्चों की मौत हो गई। भारतीय और अमेरिकी वैज्ञानिकों की टीम ने पता लगाया है कि खाली पेट लीची खाने से लोगों को यह रहस्यमय बीमारी हुई थी। गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर लीची की पैदावार के लिए विश्व-प्रसिद्ध है।
इस बीमारी को स्थानीय लोग चमकी के नाम के जानते हैं। प्रतिवर्ष जून महीने में शुरू होने वाली इस बीमारी की चपेट में आकर अब तक सैकड़ों बच्चों ने जान गंवाई है। वर्ष 2014 में ही इस बीमारी की चपेट में 390 बच्चे आए थे, जिनमें 122 बच्चों की मौत हो गई।
अब वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि जो बच्चे बीमार हुए या जिनकी मौत हुई, उन्होंने खाली पेट लीची खाई थी।
करीब तीन साल तक चले इस रिसर्च के नतीजे मशहूर विज्ञान पत्रिका लैंसेट ग्लोबल में छपे हैं। शोध में कहा गया है कि लीची में हाइपोग्लिसीन ए और मिथाइलेन्साइक्लोप्रोपाइल्गिसीन नाम का ज़हरीला तत्व होता है। अस्पताल में भर्ती बच्चों के खून और पेशाब में इन तत्वों की मात्रा मौजूद थी।
बीमार होने वाले अधिकतर बच्चों ने शाम को खाना नहीं खाया था और सुबह लीची खाई थी। ऐसी स्थित में इन तत्वों का घातक असर हुआ। बच्चों में कुपोषण होने की स्थिति में इस बीमारी का जल्द असर होता है। साथ ही इन बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि लीचे के मौसम में बच्चे अधिकतर समय बागों में ही बिताते हैं। इस दौरान अपना सामान्य खानपान भी भूल जाते हैं।
इस संबंध में अब स्वास्थ्य विभाग ने एक निर्देश जारी किया है। बच्चों को सीमित मात्रा में लीची खाने की सलाह दी गई है और इससे पहले संतुलित भोजन लेने की सलाह दी गई है।