अंडमान में जारवा जनजातीय समुदाय के सदस्य अपने ही बच्चों की हत्या कर रहे हैं। जारवा की परम्पराओं के मुताबिक, ऐसे बच्चों की हत्या कर दी जाती है, जिनकी मां विधवा होती है या फिर उनके पिता इस समुदाय से बाहर के लोग होते हैं।
इस समुदाय में आम तौर पर धारणा है कि जिन बच्चों का रंग साफ होता है, उनके पिता बाहरी हैं। पिछले कुछ महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
इस संबंध में पुलिस भी कुछ नहीं कर पा रही है, क्योंकि जारवा एक संरक्षित जनजातीय समुदाय है और यहां पुलिस का नहीं, बल्कि समुदाय का ही कानून चलता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इनकी जनसंख्या 400 के करीब है।
पिछले साल नवंबर में एक बच्चे की हत्या के बाद पुलिस को इस बात की जानकारी दी गई थी, लेकिन जारवा समुदाय के किसी भी व्यक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बताया जाता है कि अगर किसी बच्चे का रंग थोड़ा भी साफ होता है तो उसे बचाए रखना मां के लिए मुश्किल हो जाता है।