अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। मौसम व महासागर के अध्ययन के लिए इसरो के PSLV-C35 ने स्कैटसैट-1 (SCATSAT-1) और सात अन्य उपग्रहों को लेकर चेन्नई के नजदीक सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। सात उपग्रहों में अल्जीरिया के तीन, अमेरिका और कनाडा के एक-एक उपग्रह शामिल हैं।
ISRO launches PSLV’s longest flight SCATSAT-1 for ocean and weather studies. pic.twitter.com/LFgYZZEulz
— ANI (@ANI_news) September 26, 2016
इस अभियान की खासियत यह रही कि पहली बार दो अलग-अलग कक्षाओं में पेलोड प्रक्षेपित किया जाएगा। इस काम के लिए चार चरणों वाले इंजन को दो बार दोबारा शुरू किया जाएगा.
स्कैटसैट-1 उपग्रह के उपयोग से मौसम की भविष्यवाणी और चक्रवातों का पता लगाया जा सकेगा।
PSLV द्वारा ले जाए गए SCATSAT-1 का वजन 371 किलोग्राम है। जबकि विदेशी उपग्रहों में अल्जीरिया के- अलसैट-1बी, अलसैट-2बी और अलसैट-1एन, अमेरिका का पाथफाइंडर-1 और कनाडा का एनएलएस-19 शामिल हैं। इसरो ने कहा कि पीएसएलवी सी-35 के साथ गए सभी आठ उपग्रहों का कुल वजन लगभग 675 किलोग्राम है।
#WATCH ISRO successfully launches PSLV’S longest flight with SCATSAT-1 & other 7 satellites on board pic.twitter.com/8Kp1eazSr2
— ANI (@ANI_news) September 26, 2016
PSLV-C35 रॉकेट अपने साथ IIT मुंबई का ‘प्रथम’ और बेंगलुरु यूनिवर्सिटी का ‘पिसाट’ उपग्रह भी लेकर गया है। ‘प्रथम’ का वजन 10 किलोग्राम और बेंगलुरु यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा बनाए गए ‘पिसाट’ का वजन 5.25 किलोग्राम है।
8 साल के लंबे वक्त में बने उपग्रह ‘प्रथम’ का मकसद अंतरिक्ष में इलेक्ट्रॉन काउंट का अनुमान लगाना है, जबकि ‘पिसाट’ पृथ्वी के अध्ययन में वैज्ञानिकों की मदद करेगा।