भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए उनकी मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है। रेल यात्री रेलवे या केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट कर यात्रा के दौरान होने वाली किसी भी परेशानी के बारे में ट्वीट कर सूचना देते हैं और भारतीय रेल शीघ्र कार्रवाई करती नजर आई है।
इसी कड़ी में एक और वाकया सामने आया है, जिसमें एक यात्री की शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए एक टीटी को रिश्वत लेने के आरोप में बर्खास्त कर दिया गया है।
गोविन्द नाम का यह यात्री 10 सितंबर को बाड़मेर कालका एक्सप्रेस से बीकानेर जा रहा था। वह कोच नंबर S6 में बैठा हुआ था। तभी उन्होंने देखा कि वहां मौजूद एक टीटी सभी यात्रियों से सीटें उपलब्ध कराने के बदले में 15-15 रुपए ले रहा है। टीटी की पहचान श्यामपाल के रूप में हुई है।
General [email protected] i m in train14888 in S-6 m going BMR to BKN(Raj) TTE is takng extra chrg fr seat bt nt givng receipt #corruption
— govind narayan (@gnkiradoo) September 10, 2016
गोविन्द ने देखा कि श्यामपाल पैसे लिए जाने के बदले में यात्रियों को कोई रसीद नहीं दे रहा था और न ही खुद यात्रियों ने रसीद की मांग की। लेकिन जब गोविन्द ने पैसे दिए जाने की रसीद मांगी तो उसे टीटी ने जवाब दिया कि वह बीकानेर तक तो जा ही रहे हैं तो आगे रस्ते में रसीद दे देगा।
समय बीतता गया, रसीद न मिलने पर जोधपुर स्टेशन पहुंचने से कुछ देर पहले, गोविन्द ने टीटी के खिलाफ शिकायत करने का निर्णय लिया। गोविन्द ने टीटी की मनमाने तरीके से घूसखोरी की शिकायत ट्वीट कर रेल मंत्रालय, केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु, प्रधानमंत्री मोदी और जोधपुर के रेल प्रबंधक को भेज दी।
इसके कुछ ही मिनटों में रेल मंत्रालय की और से जवाब आया कि उनकी शिकायत को DRM कार्यालय में भेज दिया गया है। कुछ ही मिनटों में DRM ने गोविन्द से पूरे मसले पर जानकारी ली, जिसके बाद विजिलेंस अफसर मुकेश गहलोत जोधपुर स्टेशन पर ट्रेन में सवार हो गए।
विजिलेंस अफसर की टीम ने टीटी से बात की, और उसकी रिकॉर्ड बुक चेक की। पूरी जांच पड़ताल करने के बाद रिपोर्ट DRM को सौप दी गई। बाद में ट्वीट कर टीटी श्यामपाल को निलंबित करने के आदेश की जानकारी दी गई।
@gnkiradoo @RailMinIndia @sureshpprabhu @narendramodi action has been taken against the duty staff.
— GM NWRailway (@GMNWRailway) September 10, 2016