हम भले ही 21वीं सदी में आ गए हैं, इसके बावजूद हमारे समाज में ऐसे लोग बड़ी संख्या में मौजूद हैं जो लड़कियों को बोझ समझते हैं। परिवार में लड़की के जन्म भर हो जाने से मातम छा जाता है। लड़की को एक बड़ी जिम्मेदारी समझी जाती है, साथ ही लड़कों को सहारा। समाज में इस तरह के सोच रखने वालों को एक बेटी ने करारा जवाब दिया है। एक बेटी ने जो किया है, उसके बारे में जानकर आपको पता चल जाएगा कि लड़कियां अपने माता-पिता के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं।
यह कहानी एक ऐसी बहादुर बेटी की है, जिसने अपना लीवर देकर बीमार पिता को नया जीवनदान दिया है। इस लड़की का नाम पूजा बिजारनिया है।
इस मामले को हैन्डल कर रहे डॉ. रचित भूषण श्रीवास्तव ने फेसबुक पर एक पोस्ट कर लोगों को इस बात की जानकारी दी है।
इस पोस्ट के माध्यम से डॉ. श्रीवास्तव ने कहा है कि पूजा इतनी बड़ी सर्जरी करवाने से जरा भी नहीं झिझकी। डॉक्टर ने पूजा और उनके पिता की एक फोटो पोस्ट की है जिसमें दोनों बड़े आराम से ऑपरेशन के निशान दिखा रहे हैं। यह पोस्ट अब फेसबुक पर जंगल में लगी आग की तरह फैल गया है।
डॉ. श्रीवास्तव अपने इस पोस्ट में लिखते हैंः
“बहादुर लड़की। असल जिंदगी में भी सच्चे हीरो होते हैं, जो किस्मत, डर और नामुमकिन जैसे शब्दों पर भरोसा नहीं करते। जो लोग लड़कियों को बेकार समझते हैं, उन्हें इस लड़की ने जवाब दिया है। एक ऐसी लड़की जिसे मैं निजी तौर पर नहीं जानता, लेकिन वह मेरे लिए हीरो है। उसने लीवर ट्रांसप्लांट कर अपने पिता की जान बचा ली। मुझे तुम पर गर्व है और ऐसे लोगों बहुत कुछ सीखना है। गॉड ब्लेस यू पूजा बिजारनिया।”