किसी कार निर्माता कंपनी में काम करने वाले लोग आम तौर पर डिस्काउंट में गाड़ी खरीद सकते हैं। ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने कर्मचारियों को रियायती दर पर कंपनी का वाहन खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं। इन्जीनियर्स से लेकर सेल्स एक्जक्युटिव तक सभी अलग-अलग योजनाओं का लाभ लेते हैं। हालांकि, दुनिया में एक ऐसी ऑटोमोबाइल कंपनी भी है, जो अपने कर्मचारियों को कंपनी की कार नहीं खरीदने देती। जी हां, इस कंपनी का नाम फरारी है। फरारी में काम करने वाले कर्मचारी इसकी कार नहीं खरीद सकते।
वर्ष 1939 में इन्जो फरारी द्वारा शुरू की गई ऑटोमोबाइल कंपनी ने बेहद कम समय में वाहनों की दुनिया में अपना एक अलग मुकाम हासिल कर लिया। फिलहाल, फरारी दुनिया की बड़ी कार निर्माता कंपनियों में एक है। फरारी की गाड़ियां न केवल आलीशान होती हैं, बल्कि महंगी भी। इसे हर कोई अफोर्ड नहीं क सकता।
ऑस्ट्रेलिया से प्रकाशित होने वाली ऑनलाइन पत्रिका ड्राइव से बातचीत के दौरान फरारी के चीफ मार्केटिंग एंड कमर्शियल ऑफिसर एनरिको गलैरा ने कहा कि उनकी कंपनी के कर्मचारी फरारी नहीं खरीद सकते है। उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा कि फरारी बेहद लिमिटेड कार का निर्माण करती है और इसके क्लाइन्ट्स भी गिने-चुने हैं। इस कार के लिए क्लाइंट को लंबा इन्तजार करना पड़ता है। ऐसे में कंपनी की कार को कर्मचारी को देना ठीक नहीं रहेगा।

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गलैरा का कहना है कि फिलहाल कंपनी के दो कर्मचारियों सबेस्टियन वेटेल और किमी रेककोनेन के पास फरारी है और दोनों ही फॉर्मूला 1 ड्राइवर्स हैं। इन दोनों को भी इसके लिए कोई छूट नहीं दी गई और कार के लिए पूरे पैसे पेमेन्ट करने पड़े हैं।
गलैरा के मुताबिक, फरारी चुनिन्दा लोगों के लिए लिमिटेड एडिशन हाइपर या सुपर कार्स का प्रोडक्शन करती है। इसका उदाहण देते हुए उन्होंने कहा कि जब कंपनी ने LaFerrari Aperta को बेचना शुरू किया तो 200 संभावित खरीदारों की एक सूची बनाई गई और सबसे पूछा गया कि क्या वे इसे खरीदना पसंद करेंगे। जब सभी ने हामी भरी, तभी कंपनी ने इस कार का निर्माण शुरू किया।

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इस कार की कीमत करीब 9 करोड़ रुपए रखी गयी थी।