यह सुनने में भले ही अविश्वसनीय लगे, लेकिन यह सच है। कर्नाटक में एक किसान पिछले 15 सालों से जंगल में रहने को मजबूर है।
एक अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, 43 साल के चन्द्रशेखर गौड़ा ने वर्ष 1999 में नेल्लूर केमराजे कोऑपरेटिव सोसायटी से खेती के लिए 50, 400 रुपए का कर्ज लिया था।
कर्ज चुकाने में असफल रहने की वजह से कोऑपरेटिव सोसायटी ने उन्हें नोटिस भेजा। बाद में कोऑपरेटिव ने कर्ज अदायगी के लिए अक्टूबर 2002 में चन्द्रशेखर की 2.29 एकड़ जमीन को 1.2 लाख रुपए में नीलाम कर दिया। कोऑपरेटिव का कर्ज चुकाने के बाद चन्द्रशेखर को 11 हजार रुपए मिलने थे, जिसे लेने के लिए वह कभी नहीं गए।
इस घटना से आहत चन्द्रशेखर अपनी कार लेकर मैंगलोर से करीब 21 किलोमीटर दूर जंगल में जाकर रहने लगे। घर के नाम पर उनके पास यही एक कार है।
समाज से अलग रह रहे चन्द्रशेखर सप्ताह में एक बार अपने साथ जंगल का कंद-मूल लेकर स्थानीय बाजार आते हैं। इसे बेचकर किसी तरह अपना गुजारा करते हैं।