हर बच्चे का पहला हीरो उसका पिता होता है। वे अपने पिता की तरह ही दिखना और बनना चाहते हैं। बचपन से ही उन्हें देखते आने के कारण उनमें अपने आप पिता के बहुत से गुण आ जाते हैं और अक्सर बड़े होने पर वे अपने पिता के ही नक्शे कदम पर चलते हैं। बॉलीवुड से लेकर क्रिकेट जगत तक में कई ऐसे बेटे हैं, जिन्होंने पिता के करियर को ही अपना करियर बनाया। चलिए आज आपको बताते हैं कुछ ऐसे मशहूर क्रिकेटर पिता और उनके बेटों के बारे में जिन्होंने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया।
क्रिस ब्रॉड – स्टुअर्ट ब्रॉड
इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी और ब्रॉडकास्टर ब्रायन क्रिस्टोफर ब्रॉड फिलहाल इंग्लैंड को क्रिकेट अधिकारी के रूप में रिप्रज़ेंट करते हैं। दिलचस्प बात ये है कि ब्रायन के दोनों बच्चे क्रिकेट से जुड़े हैं। उनका बेटा स्टुअर्ट जहां फॉस्ट बॉलर है और इंग्लैंड के साथ ही नॉटिंघमशायर के लिए भी खेलता है। वहीं, उनकी बेटी जेमा इंग्लैंड की वन डे स्कॉड की परफॉर्मेंस एनालिस्ट हैं।
ज्योफ मार्श – शॉन और मिशेल मार्श
ज्योफरी रॉबर्ट मार्श ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर हैं। इन्होंने 50 टेस्ट और 117 वनडे इंटरनेशनल मैच खेले हैं। 1999 में जब ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड कप जीता था तब वो टीम के कोच थे। बाद में वे ज़िम्बावे और श्रीलंका के भी कोच रहे। उनके दोनों बेटे शॉन मार्श और मिशेल मार्स टेस्ट क्रिकेट खेल चुके हैं।
हनीफ मोहम्मद – शोएब मोहम्मद
पाकिस्तान के हनीफ मोहम्मद की गिनती दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज़ों में होती थी। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सबसे पहले इन्हें ही लिटिल मास्टर की उपाधि दी गई थी जो बाद में सुनील गावस्कर और सचिन तेंदुलकर को दी गई। हनीफ के बेटे शोएब मोहम्मद भी पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए क्रिकेट को अपना करियर बनाया। शोएब दाहिने हाथ के बल्लेबाज़ थे और 1990 के मध्य तक पाकिस्तानी टीम का हिस्सा रहे।
इफ्तिखार अली खान – मंसूर अली खान
नवाब इफ्तिखार अली खान पटौदी रियासत के नवाब थे और 1946 में भारतीय क्रिकेट टीम के इंग्लैंड दौड़े के समय वो टीम के कप्तान थे। आपको ये जानकर हैरानी होगी की वे उन चंद क्रिकेटरों में से थे जो दो देशों के लिए खेले हों। उन्होंने 6 टेस्ट मैच खेले, जिसमें से 3 भारत के लिए और 3 इंग्लैंड की टीम में रहने के दौरान खेले थे। उनके बेटे मंसूर अली खान पटौदी ने भी पिता की तरह क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाया। मंसूर अली खान भी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रह चुके हैं और आपको ये जानकर हैरानी होगी कि उस वक़्त उनकी उम्र सिर्फ़ 21 साल ही थी। आज भी उनकी गिनती बेहतरीन क्रिकेट कप्तानों में होती है।
लाला अमरनाथ – मोहिंदर और सुरिंदर अमरनाथ
भारत के लिए पहला शतक बनाने वाले क्रिकेटर थे लाला अमरनाथ। उन्हें भारतीय क्रिकेट का पितामह कहा जाता है। उनके 3 बेटे हैं जिसमें से मोहिंदर और सुरिंदर अमरनाथ ने भारत के लिए टेस्ट मैच खेले हैं। उनके तीसरे बेटे राजिंदर भी क्रिकेटर ही हैं वो फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल चुके हैं। इतना ही नहीं, उनके पोते दिग्विजय भी फर्स्ट क्लास प्लेयर हैं।
सचिन तेंदुलकर – अर्जुन तेंदुलकर
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भारत ही नहीं दुनिया के महान क्रिकटरों में से एक हैं। उनके 18 वर्षीय बेटे अर्जुन भी पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं और क्रिकेट में अपना नाम करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। अर्जुन ने एक बार इंटरव्यू में कहा था कि बचपन में वह फुटबॉल, स्विमिंग, रनिंग जैसे कई खेल खेलते थे, लेकिन अचानक से क्रिकेट की तरफ उनका रुझान बढ़ा और बाकी खेल बैकफुट पर चले गए।