आंखों का फड़कना शुभ-अशुभ माना जाता है। जब भी आंख फड़कती है तो आप भी यही सोचते होंगे कि कुछ अच्छा या बुरा होने वाला है, आमतौर पर महिलाओं की बाई आंख फड़कना शुभ और दायी आंख फड़कना अशुभ माना जाता है। हालांकि, सच तो ये है कि आंखों के फड़कने का शुभ-अशुभ से कोई लेना देना नहीं है। आंखों के फड़कने को विज्ञान की भाषा में मयोकेमिया (Myokymia) कहा जाता है।
आंखों का फड़कना कई वजह से हो सकता है। कई बार तो ये किसी बीमारी का भी संकेत होता है। चलिए आपको बताते हैं।
बहुत ज़्यादा कैफीन
दिन भर अगर आप चाय, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक्स और चॉकलेट आदि खाते रहते हैं तो भी आपकी आंखें फड़क सकती है, क्योंकि इन सब चीज़ों में कैफीन मौजूद होता है और कैफीन ज़्यादा खाने आंखें फड़क सकती हैं। ऐसे में यदि आपकी आंखें ज़्यादा फड़कने लगी हैं, तो तुरंत कैफीन खाना बंद कर दें।
कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल
यदि आप ज़्यादा देर तक कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, कॉन्टेक्ट लेंस पहनते हैं या फिर किसी तरह की दवा का इस्तेमाल करते हैं तो उसकी वजह से आपकी आंखें ड्राय हो जाती हैं।लगातार कंप्यूटर, मोबाइल या टेबलेट आदि की स्क्रीन देखते रहने से भी आंखें फड़कने लगती हैं।
थकान
कई बार नींद पूरी न होने पर भी आंखें फड़कने लगती है, इसलिए कम से कम 7-8 घंटे की नींद बहुत ज़रूरी है। घर-ऑफिस के काम का तनाव भी आंखों के फड़कने की एक वजह हो सकता है। दरअसल, तनाव में होने पर शरीर के अलग-अलग अंग अलग तरीके से प्रतिक्रिया देते हैं। इसी में से एक हैं आंखों का फड़कना।
शराब
जो बहुत शराब पीते हैं उनकी आंखें भी अक्सर फड़कने लगती है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो बेहतर होगा कि आप शराब से दूर रहें।
एलर्जी
कुछ लोगों को आंखों से संबंधित एलर्जी होती है जैसे आंखों में खुजली, सूजन और पानी आना आदि। ऐसे में जब वो आंखों को रगड़ते हैं तो पलकें भी फड़कने लगती है। यदि आपकी आंखें कुछ देर के लिए ही फड़कती है तो ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है, लेकिन ये यदि लंबे समय तक फड़कती है तो आपको कोई गंभीर बीमारी भी हो सकती है, ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
पोषक तत्वों की कमी
कई अध्ययन में ये बात सामने आई है कि शरीर में मैग्नेशियम जैसे कुछ पोषक तत्वों की कमी से भी आंखें फड़कने लगती हैं।