बॉलीवुड की मस्तानी दीपिका पादुकोण की अगली फ़िल्म का इंतज़ार अब खत्म हो गया है। दीपिका मेघना गुलज़ार की फ़िल्म से बड़े पर्दे पर एक बार फिर छाने को तैयार हैं। उनका ये किरदार काफ़ी चुनौतियों भरा होगा।
दीपिका पादुकोण अब एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल का किरदार निभाएगीं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, मेघना गुलजार लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी पर फिल्म बना रही हैं, जिनपर 2005 में एसिड हमले का शिकार हुई थीं। इस फिल्म में दीपिका बतौर लीड एक्टर तो नज़र आएंगी ही, साथ ही इस फ़िल्म से ही बतौर प्रोड्यूसर भी डेब्यू करने जा रहीं हैं।
अभी इस फ़िल्म का टाइटल फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन इस फ़िल्म से जुड़ने पर दीपिका ने कहा-
“जब मैंने यह कहानी सुनी, तो मैं अंदर तक हिल गई, क्योंकि ये सिर्फ हिंसा की नहीं बल्कि ताकत, साहस, आशा, जीत की कहानी है। लक्ष्मी की कहानी ने मुझे बहुत प्रभावित किया और मैं ये फिल्म करने के लिए तैयार हो गई।”
दूसरी तरफ मेघना गुलज़ार ने इस फ़िल्म के लिए दीपिका को ही इसलिए चुना क्योंकि उन्हें दीपिका का लुक लक्ष्मी से मिलता-जुलता लगा। इस फ़िल्म में लक्ष्मी की कहानी के ज़रिए देश में होने वाले एसिड हमलों से जुड़ी कई बातें रखी जाएंगी।
मालूम हो कि 2005 में लक्ष्मी पर एकतरफ़ा प्यार के चलते जान-पहचान वाले ने ही एसिड अटैक किया था। वो शख्स लक्ष्मी से उम्र में काफ़ी बड़ा था और उससे शादी करना चाहता था, लेकिन लक्ष्मी ने साफ़ इंकार कर दिया। इससे गुस्साए उस शख्स ने लक्ष्मी पर तेज़ाब फ़ेंक दिया। इसके बाद लक्ष्मी को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। उनकी कई सर्जरी हुई और आज वो औरों की तरह नार्मल ज़िंदगी जी रही हैं।
उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और एसिड अटैक के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी और बाज़ार में आसानी से मिलने वाले एसिड के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गईं। लक्ष्मी ने एसिड हमलों के खिलाफ़ अपनी आवाज़ को बुलंद किया और एसिड अटैक की शिकार महिलाओं की मदद के लिए कई अभियान शुरू किए।
2014 में लक्ष्मी को यूएस स्टेट डिपार्टमेंट के ‘इंटरनेशनल वुमन ऑफ़ करेज अवॉर्ड’ से नवाज़ा गया। लक्ष्मी स्टॉप एसिड अटैक कैंपेन और छांव फाउंडेशन एक एनजीओ की सदस्य हैं, जो कि एसिड अटैक पीड़ितों की मदद करता है।
लक्ष्मी स्टॉप एसिड अटैक कैम्पेन के फाउंडर आलोक दीक्षित के साथ लिव-इन में रहीं। आज उनकी एक बेटी पीहू भी हैं। पिहू के जन्म के बाद दोनों अलग हो गए और बेटी की जिम्मेदारी लक्ष्मी ने ले ली।
अब यही लक्ष्मी अग्रवाल दर-दर की ठोकरे खा रही हैं। उनके पास ना तो जॉब है और ना ही अपनी बेटी को पालने के लिए पैसे। दिल्ली के लक्ष्मी नगर में किराए पर दो बेडरूम घर है, जिसका किराया भी अब उनके बूते से बाहर हो गया है। अब लक्ष्मी नौकरी की तलाश में ताकि अपनी बची का पालन-पोषण कर सकें।