क्रिकेट हमारे देश में सबसे लोकप्रिय खेल है। इस खेल के प्रति ऐसी दीवानगी है कि बारीक से बारीक चीजों पर सबकी नजर रहती है। लेकिन क्या ये आपको पता है कि आखिर कौन होता है जो किसी खिलाड़ी का नाम मैन ऑफ द मैच के लिए अंतिम रूप से तय करता है। आपको अगर नहीं पता है, तो हम बताते हैं!
आम तौर पर यही समझा जाता है कि जो खिलाड़ी मैच में अच्छा खेलता है, वही मैन ऑफ द मैच चुना जाता है!
कभी-कभार तो हम भी ये अनुमान लगा लेते हैं कि किस खिलाड़ी को खिताब मिल सकता है, लेकिन उसे तुक्का ही कहा जाएगा। अमूमन जीतने वाली टीम का कोई खिलाड़ी इसके लिए चयनित होता है तो कभी हारने वाली टीम का भी कोई खिलाड़ी को चुन लिया जाता है। कुल मिलाकर बेहतर खेलने वाला खिलाड़ी इस खिताब के लिए अंतिम रूप से चयनित होता है।
अंतिम रूप से मैन ऑफ द मैच का चयन कौन करता है!
कमेंटेटर सबसे अधिक गौर से मैच देखते हैं और उनकी नजर पूरे खेल पर होता है। ये लोग खेल की अच्छी जानकारी भी रखते हैं। कमेंट्री बॉक्स में अधिकतर पूर्व खिलाड़ी ही ये काम करते रहते हैं। लिहाजा मैन ऑफ मैच के लिए जो पैनल बनता है उसमें कमेंटेटर व वरिष्ठ खिलाड़ी होते हैं। ये लोग आपस में ही तय कर अंतिम रूप से फैसला देते हैं।
चैंपियंस ट्रॉफ़ी या वर्ल्ड कप जैसी शृंखलाओं में मैन ऑफ द मैच तय करने के लिए बड़ा पैनल बनाया जाता है, जिसमें मैंच रेफरी भी शामिल होते हैं। किसी भी मैच में ये खिताब पाना खिलाड़ी के लिए एक बड़ी उपलब्धि होती है।