लोकतंत्र और तानाशाही में एक बहुत बड़ा फर्क ये है कि लोकतंत्र में आपको वोट डालकर अपना नेता चुनने का अधिकार होता है, लेकिन तानाशाही में ऐसा कोई अधिकार आपके पास नहीं होता। तानाशाह जो कहे और जो करे उसकी बात ही सबको माननी पड़ती है। लोकतंत्र में नेता पसंद न आने पर अगली बार आपको अधिकार है कि आप उसे न चुनें, लेकिन तनाशाही में ऐसा नहीं कर सकते। इतिहास में कई ऐसा क्रूर तानाशाह हुए है जिन्होंने अपने अमानवीय व्यवहार से इंसानियत को शर्मसार कर दिया।
किंग जॉन
लालची, क्रूर, हिंसक, कठोर और महास्वार्थी किंग जॉन के लिए शायद ये सारे शब्द भी कम पर जाएं। इंग्लैंड के तानाशाह किम जॉन ने 1199 से 1216 तक इंग्लैंड पर राज किया। उसने लोगों पर बहुत अत्याचार किया यहां तक कि अपने करीबियों को भी नहीं बख्सा। अपने दोस्त की पत्नियों के साथ संबंध बनाएं। जिसने भी उसका विरोध करने की कोशिश की उसे या तो सलाखों के पीछे डाल लिया या फिर मरवा दिया। उसने अपने घिनौने काम के लिए चर्च का भी इस्तेमाल किया और वहां से होने वाले राजस्व को लूटा, उसने सभी धार्मिक लोगों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। लोगों को प्रताड़ित करने और मारने के अलावा उसने टैक्स 300 प्रतिशत तक बढ़ाकर लोगों का जीना दूभर कर दिया। आखिरकार, बहुत ज़्यादा शराब पीने की वजह से उसकी मौत हो गई।
नीरो
रोम के तानाशाह नीरो के बारे में कई दिल दहला देने वाली कहानियां हैं। कहा जाता है कि एक बार नीरो ने पूरे शहर में आग लगवा दी थी। सिर्फ़ यह महसूस करने के लिए कि जलते हुए शहर के सामने संगीत सुनने में कैसा लगता है। उसने अपनी मां, बहन, पत्नी, भाई समेत हज़ारों निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया। वो लोगों को बहुत ही भयावह तरीके से मारता था। किसी का सिर धड़ से अलग कर देता, तो किसी को सूली पर लटका देता, किसी को जला देता तो किसी को उबलते तेल में डाल देता। कई ईसाइयों को उसने जिंदा जला दिया, भूखे कुत्तों के सामने फेंक दिया और भूख से तड़प-तड़प कर मरने पर मजबूर कर दिया। नीरो के अत्याचारों से दंग आकर आखिरकार लोगों ने विद्रोह कर दिया और जब नीरो को लगा कि वो हार जाएगा तो उसने आत्महत्या कर ली।
सद्दाम हुसैन
इराक के तानाशाह सद्दाम ने 1979 से 2003 तक इराक पर राज किया। अपने शासनकाल में उसने 2 मीलियन से भी ज़्यादा लोगों का खून बहाया। कुर्दिस गांव पर उसने रसायान हमला करवाया। कई कुर्दिश लोगों को बंदी बनाकर सद्दाम ने उन्हें बहुत प्रताड़ित किया। सद्दाम के आतंक का अंत आखिरकार अमेरिका ने किया। इराक पर हमला करके अमेरिका ने सद्दाम को बंदी बना लिया और 2006 में उसे फांसी पर टांग दिया।
किम इल सुंग
उत्तर कोरिया आज भी किम जोंग की तानाशाही का दंश झेल रहा है। उत्तर कोरियां में तानाशाही का चलन बहुत पुराना है। किम इल सुंग ने कोरियन युद्ध शुरू किया, जिसमें 3 मिलियन से भी ज़्यादा लोग मारे गए और युद्ध के बाद की स्थिति और भी भयावह थी। किम ने लोगों का ब्रेनवॉश करके देश के हालात और बिगाड़ दिया। उसके शासन काल में हज़ारों लोग मारे और प्रताड़ित किए गए। 1994 में किम की हार्ट अटैक से मौत हो गई, लेकिन उत्तर कोरिया के हालात और बदतर हो गए क्योंकि किम इल सुंग का बेटा किम जॉग उन द्वितिय अपने पिता के पद्चिन्हों पर ही चल रहा है।
एडॉल्फ हिटलर
हिटलर के क्रूर कृत्यों को बयां करने के लिए शब्द भी कम पड़ जाएंगे। उसने लाखों यहूदियों को मौत के घाट उतार दिया। हिटलर यहूदियों को जर्मनी की समस्या का मूल कारण मानता था। उसने लोगों को यह विश्वास दिलाया कि यहूदी समस्या की जड़ हैं और इस आड़ में यहूदियों पर बहुत अत्याचार किए। साथ ही उन पर बहुत प्रयोग भी किए। उन्हें मौत के घाट उतारने के लिए जहरीले इंजेक्शन दिए, भूखा रखा, जहरीले गैस छोड़े, जबरन मजदूरी कराई और मौत के जूलूस निकाले। उसके अत्याचारों की वजह से पॉलेंड में करीब 90 प्रतिशत यहूदियों की आबादी खत्म हो गई।