एक खिलाड़ी खेल भावना और समुचित अभ्यास से आगे बढ़ता है, लेकिन उम्दा खिलाड़ी तभी बनता है, जब जज्बा होता है। हैरानी होगी जानकर कि एक चैम्पियन तैराक महज लोगों को जागरूक करने के लिए 55 घंटे तक लगातार तैरता रहा। उसके बाद उसकी क्या हालत हुई होगी वो सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अपनी कटिबद्धता के कारण उसने हैरान करने वाला कारनामा कर दिखाया है।
मार्टेन वैन डेर विजडन के इस प्रयास से लोग हैरान हैं!
गौरतलब है कि नीदरलैंड के इस युवा तैराक विजडन को मात्र 19 साल की उम्र में कैंसर का शिकार होना पड़ा था। डॉक्टरों को भी उनके बच पाने की उम्मीद नहीं थी। ल्युकेमिया से इस खिलाड़ी की जान भी जा सकती थी। लेकिन जिजीविषा से भरे इस खिलाड़ी ने स्वस्थ होकर पुनः स्विमिंग ट्रैक पर उतरने में कामयाबी हासिल की। इतना ही नहीं, इन्होंने 2008 बीजिंग ऑलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर कमाल ही कर दिया।
विजडन अन्य कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए सदा तत्पर रहते हैं। साथ ही ये लोगों में इस गंभीर बीमारी को लेकर लोगों में जागरुकता का प्रसार भी करना चाहते हैं। इससे जुड़े रिसर्च के लिए फ़ंड जुटाने की इच्छा से इन्होंने 200 किलोमीटर तैराकी करने का विचार किया और वह भी मात्र तीन दिन के भीतर पूरा करना था। इन्होंने लक्ष्य का पीछा करते हुए 55 घंटे के भीतर 163 किमी का रास्ता तय किया।
लक्ष्य को पूरा करने में विजडन असफल रहे, बावजूद इसके उन्होंने इस आयोजन से कुल 4 मिलियन डॉलर का फ़ंड जुटा लिया है। इस नेक काम की सभी सराहना कर रहे हैं, वहीं विजडन का शरीर पूरी तरह घायल और बदहाल हो चुका है। आशा है वो शीघ्र स्वास्थ्य लाभ कर वापस ताजगी के साथ आएंगे।