जीवन में किताबों का विशेष महत्व होता है। कहते हैं कि एक पुस्तक सबसे अच्छी मित्र साबित हो सकती है। महाराष्ट्र में एक ऐसा गांव है जो किताबों के लिए प्रसिद्ध है। खास बात यह है कि यहां घर-घर लाइब्रेरी है। स्ट्रॉबेरी के साथ पढ़ने के शौक़ीन हों तो यह गांव आपके लिए स्वर्ग से कम नहीं है।
महाराष्ट्र के सतारा ज़िले के एक छोटे से गांव भिलार को देश का पहला ‘बुक विलेज’ बनाया गया है। इस गांव की 25 जगहों को चुन कर उन्हें कलात्मक रूप से सजाया गया है।
इन जगहों पर साहित्य, कविता, धर्म, इतिहास, लोक साहित्य, आत्मकथा, पर्यावरण, महिलाओं और बच्चों सम्बन्धी 15,000 से ज़्यादा किताबें उपलब्ध हैं। इसके अलावा यहां ढेर सारी पत्रिकाएं और समाचार पत्र भी उपलब्ध हैं।
अलग-अलग घरों में अलग-अलग विषयों की किताबें रखी हैं। घर के बाहर उस विषय से संबंधित साहित्यकार के चित्र लगाए गए हैं। कुछ घरों में ठहरने और खाने की पूरी व्यवस्था है। इस गांव में दो रेस्टोरेंट्स भी हैं।
भिलार गांव महाराष्ट्र के सतारा ज़िले में ख़ूबसूरत हिल स्टेशन पंचगनी के पास स्थित है। ये महाबलेश्वर से केवल 14 किलोमीटर और मुख्य हाईवे से 33 किलोमीटर दूर है। ये गांव अपनी स्ट्रॉबेरी के लिए काफ़ी मशहूर है। महाराष्ट्र सरकार ने इसे ‘पुस्तकांचं गांव परियोजना’ का नाम दिया है, जिसमें मराठी भाषा विभाग ने भी सहयोग किया है। ये परियोजना ब्रिटेन के Wales शहर के Hay-on-Wye से प्रेरित है।