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NIT श्रीनगर में गैर कश्मीरी छात्र अब सभी राष्ट्रीय पर्व मना सकेंगे। NIT बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने गैर कश्मीरी छात्रों की इस प्रमुख मांग को स्वीकार करते हुए उन्हें सभी राष्ट्रीय पर्व मनाने की स्वीकृति दे दी है।
इसके साथ ही छात्रों की मांग को पूरा करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें दो सदस्य बाहरी हैं। यह कमेटी भारत समर्थक प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग तथा उन पर बर्बर पुलिसिया कार्रवाई की जांच करेगी, जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
19 अप्रैल को आंदोलनकारी छात्रों का नेतृत्व कर रहे समूह के साथ नई दिल्ली में हुई बैठक में बोर्ड ने इस कमेटी को रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 मई तक का समय दिया है।
इस रिपोर्ट के आधार पर 20 मई तक कार्रवाई का भरोसा दिया गया है।
आंदोलनकारी छात्रों ने श्रीनगर कैम्पस में अन्य मूलभूत सुविधाओं को दुरूस्त करने की मांग की थी। बोर्ड ने उनकी इस मांग को भी स्वीकार करते हुए कैम्पस में अगले तीन से चार महीने में मेडिकल सुविधा को दुरुस्त करने की बात कही है।
यही नहीं, बोर्ड ने यह भी कहा है कि NIT श्रीनगर प्रशासन लाठी चार्ज में घायल हुए छात्रों के इलाज में लगे पैसे का भुगतान करेगा। इसके लिए घायल छात्रों को अस्पताल का बिल जमा देना होगा।
इससे पहले नई दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दे रहे NIT श्रीनगर के आंदोलनकारी छात्रों ने मांग की थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी को NIT श्रीनगर में आकर झंडा फहराएं। इस संबंध में छात्रों ने एक चिट्ठी भी लिखी है।
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छात्रों ने NIT श्रीनगर प्रशासन में बदलाव की मांग की है। साथ ही कहा है कि कैम्पस में CRPF की तैनाती हमेशा के लिए की जाए।