आज देशभर में महाशिवरात्रि की धूम है। मंदिरों के कपाटों में लंबी-लंबी कतारे लगी हैं। इस दिन शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है। सच्चे मन से शिव भक्ति करने वाले भक्तों पर उनकी कृपा हमेशा बनी रहती है। आज इस पावन पर्व के अवसर पर हम आपको एक ऐसे परिवार की शिव भक्ति के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पिछले 500 साल से भोलेनाथ की भक्ति में लीन हैं।
भारत विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों का देश है। भारत देश में अलग-अलग जाति तथा धर्म के लोग रहते हैं। ये देश हर बार गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश करता है। सामाजिक सद्भाव के कई उदाहरण पेश करता देश एकमात्र भारत ही है। एक बार फ़िर देश में गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल सामने आई है, जिसे सुन हर कोई यही कहेगा वाकई भारत महान देश है।
दुनिया में कई लोग ऐसे हैं, जो प्रेम, एकता और भाईचारे की मिसाल पेश करते हैं। ऐसे ही असम के गुवाहाटी में एक मुस्लिम परिवार ने सामाजिक सद्भाव का एक नायाब उदाहरण पेश किया है।
500 सालों से कर रहे मंदिर की देखरेख
असम के गुवाहाटी स्थित रंगमहल गांव में एक शिव मंदिर है। ये शिव मंदिर 500 साल पुराना है। इस मंदिर की देखभाल पिछले 500 साल से एक मुस्लिम परिवार कर रहा है। परिवार के मुखिया हैं मतिबर रहमान। उनका कहना है ‘ये मंदिर 500 साल पुराना है और तभी से उनका परिवार इसकी देखभाल कर रहा है। हिन्दू-मुस्लिम दोनों धर्म के लोग इस मंदिर में आकर पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर की ख़्याति सुनकर दूर-दूर से यहां श्रद्धालुओं का रेला लगता है।
Assam: A Muslim family looks after a Shiva temple for last 500-year in Rangamahal village, Guwahati. The caretaker Matibar Rehman says,’ It’s a 500-year-old temple, our family looks after the temple. People from both the religions- Hindu and Muslim- come here to offer prayers.’ pic.twitter.com/6HZTGtPhAy
— ANI (@ANI) 2 March 2019
मतिबर रहमान का परिवार पीढ़ियों से इस मंदिर का देखभाल कर रहा है। इस मंदिर में हिंदू और मुसलमान दोनों समुदायों के लोग आकर प्रार्थना करते हैं। रहमान बताते हैं मुसलमान इस मंदिर में आकर ‘दुआ’ करते हैं तो वहीं हिंदू यहां ‘पूजा’ करने आते हैं।
इस खबर के सामने आने के बाद लोग भी कह रहे हैं, ऐसा सिर्फ़ भारत की सरज़मीं में ही देखने को मिल सकता है।
It happens only in India
— Vande Matram (@BoseBhagatAzadd) 2 March 2019
And some people want to destroy this harmony and unity
— Political Mamu (@MamuPolitical) 2 March 2019
Incredible india
— Ramesh (@Ramesh61649282) 2 March 2019
रहमान रोज़ाना नमाज़ अदा कर मंदिर की साफ़-सफ़ाई करते हैं। रहमान के पहले उनके पिता इस मंदिर की देखभाल किया करते थे। पिता के निधन के बाद रहमान ने इसकी ज़िम्मेदारी संभाली। इतना ही नहीं, रहमान के बाद उनका बेटा भी इस परंपरा को आगे निभाएगा। इसके अलावा गांव के बाकी मुस्लिम परिवार भी नियमित नमाज़ अदा करने के साथ इस मंदिर में रोज़ दिया भी जलाते हैं। यही तो खूबसूरती है हमारे देश की, जहां लोग एक-दूसरे के धर्म का आदर-सत्कार करते हैं।